
कविताला कलबुर्गी
सैकड़ों दिहाड़ी मजदूरों ने पास के अमीनागढ़ ग्राम पंचायत कार्यालय का घेराव कर कम वेतन देने और रोजगार न देने का विरोध किया.
मजदूरों की मांग है कि रोजगार गारंटी के तहत काम करने वाले मजदूरों के खाते में प्रतिदिन 350 रुपये की जगह 200 रुपये और बकाया भुगतान किया जाये और साल में 100 दिन काम दिया जाये.
गारंटीशुदा काम देने में हो रही देरी 100 दिन के काम की जगह 15-20 दिन का ही काम देते हैं. वे शहर से बहुत दूर काम कर रहे हैं. आसपास कोई काम नहीं है, इसलिए आना-जाना मुश्किल है और बीच में जीपीएस करने के लिए दोपहर 2 बजे के बाद जो इंजीनियर आता है, वह मजदूरों को बेवजह भटकाता है. एक ही घर में पिता-पुत्र का जीपीएस कराया गया और बेटे के खाते में पैसे जमा करा दिये गये. लेकिन पिता के खाते में पैसा नहीं आया है
उन्होंने आक्रोश व्यक्त किया. पिछले वर्ष भी ऐसी ही समस्या आने पर खाता शून्य कर शेष राशि भुगतान की कार्रवाई तत्कालीन विकास अधिकारी ने की थी। इसी तरह महिलाओं ने बाकी रकम भी खाते में जमा करने की जिद की। उन्होंने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि मजदूरी करने वाले मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है और जो लोग बेंगलुरु गये थे, उनके खाते में पैसा जमा कर दिया गया है.
सार्वजनिक बैठक में ऐसे मुद्दों की जानकारी होने के बावजूद मौके पर पहुंचे तापम, सहायक निदेशक शिवानंदार्डी और पीडीओ काशना के खिलाफ कर्मियों ने आक्रोश व्यक्त किया.
उन्होंने शिकायत की कि कोई फायदा नहीं हुआ.
उन्होंने आश्वासन दिया कि काम के पैमाने के अनुसार भुगतान की जाने वाली मजदूरी पिछले वर्ष की तरह शून्य नहीं की जाएगी, इसलिए यदि कोई समस्या है, यदि कोई लिखित शिकायत है, तो वे वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करेंगे और कार्रवाई करेंगे।
मल्लम्मा, चन्नम्मा, यल्लम्मा, गंगम्मा, बासम्मा, गंगम्मा, पर्वतम्मा, पद्मा वाथी, संकरम्मा, गंगम्मा, हुसेनम्स, अमीनम्मा, हच्चरेड्डी, वीरेशा, अदप्पा नायक, खाजा साब, चन्द्रशेखर नायक, रशीदी, इमाम साब, बुड्डावली, हनुमारेद्दप्पा थे।